जेट एयरवेज़ (छवि स्रोत: iStockphoto)
सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को अपनी असाधारण संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग किया और ग्राउंडेड एयर कैरियर के परिसमापन का आदेश दिया जेट एयरवेज़‘ संपत्तियां।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इसे खारिज कर दिया राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के फैसले ने जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखा और इसके स्वामित्व को जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को हस्तांतरित करने को मंजूरी दे दी।
पीठ के लिए फैसला सुनाते हुए, न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई और अन्य लेनदारों की याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसने जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखा था।
इसमें कहा गया है कि एयर कैरियर का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में था। पीठ ने अपने फैसले के लिए एनसीएलएटी को फटकार लगाई।
शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल किया जो उसे उसके समक्ष लंबित किसी भी मामले या कारण में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश और आदेश देने की शक्ति देता है।
एनसीएलएटी ने 12 मार्च को ग्राउंडेड एयर कैरियर की समाधान योजना को बरकरार रखा और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने को मंजूरी दे दी।
एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले को चुनौती दी है।